By – राजेश खण्डेलवाल
13 October 2024
राजस्थान में भरतपुर के अपनाघर ने राजस्थान को आश्रयहीन, असहाय नि:शक्त, लावारिस मुक्त बनाने और उनके पुनर्वास के लिए विशेष रेस्क्यू अभियान चलाकर देश की पहली अनूठी पहल है। इसके प्रथम चरण में 598 प्रभुजी रेस्क्यू किए गए थे। अभियान का दूसरा चरण 14 से 19 अक्टूबर, 2024 तक चलेगा, जिसका 13 अक्टूबर को 15 एम्बुलेंसों को हरी झण्डी दिखाकर श्रीगणेश किया गया।
बेसहारा मुक्त राजस्थान अभियान: पहले चरण में 103 प्रभुजी को लाया गया भरतपुर
भरतपुर (राजस्थान)। महिला प्रभुजी दर्शी अपनी दो वर्षीय बेटी प्रिशी के साथ भरतपुर के अपनाघर में रहकर फिलहाल खुश है। कोटा के अपनाघर की टीम ने उसे भरतपुर आश्रम भेजा, जहां उपचार के बाद वह ठीक हो चुकी है। वह अपनाघर में बीमार प्रभुजनों को खाना खिलाने सहित अन्य कामकाम में हाथ बंटाती है। अपनाघर की टीम उसके घर का पता-ठिकाना ढूंढऩे में जुटी है। पॉजिटिव कनेक्ट से बातचीत में दर्शी बताती है कि उसे किसी तरह की परेशानी नहीं है। सेवा कार्यों में सहयोग करना उसे अच्छा लगता है।
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इसी तरह कैलाश प्रभुजी दौसा के महवा इलाके में भरतपुर की टीम को लावारिस हालत में मिले। 6 माह तक सतत सेवा व उपचार से कैलाश अब ठीक हैं, जो चलने-फिरने में असमर्थ अन्य प्रभुजनों की सेवा करता हैं। अपनाघर के वार्डों में वे बर्तन साफ करने जैसा काम भी कर लेते हैं। ये भरतपुर जिले की वैर तहसील क्षेत्र के रहने वाले हैं, लेकिन फिलहाल परिजन इन्हें अपने घर ले जाने का तैयार नहीं है। पॉजिटिव कनेक्ट को कैलाश बताते हैं कि घर वालों के ले जाने का मना करने का दु:ख है, लेकिन अपनाघर में सेवा करने से मुझे खुशी मिलती है।
अलवर जिले के मालाखेड़ा क्षेत्र का युवा वकील जयपुर में सडक़ किनारे पड़ा मिला, जिसे अपनाघर बस्सी की टीम ने भरतपुर आश्रम भेजा। कई माह के उपचार के बाद वह ठीक हो गया। उसने अपने घर का पता भी सही बताया तो अपनाघर की सूचना पर उसके परिजन उसे अपने घर ले गए, जहां छोटे-मोटे काम कर लेता है। उसके पिता बजरंग लुहार पॉजिटिव कनेक्ट को बताते हैं कि बेटा मिल गया, इससे बड़ी खुशी हमारे लिए क्या होगी?
ये तीनों ही अपनाघर आश्रम भरतपुर के राजस्थान को आश्रयहीन, असहाय, नि:शक्त व लावारिस मुक्त बनाने और उनके पुनर्वास के लिए चलाए गए विशेष अभियान के प्रथम चरण में लावारिस व बेसुध हालात में मिले थे। यह अभियान 28 फरवरी से 6 मार्च तक चलाया गया था।
प्रथम चरण में मिले थे 598 प्रभुजी
अपनाघर की प्रशासनिक अधिकारी बबीता गुलाटी पॉजिटिव कनेक्ट को बताती हैं कि प्रथम चरण के अभियान के दौरान राज्यभर में 598 प्रभुजी को रेस्क्यू किया था। इनमें से 103 प्रभुजी को अपनाघर आश्रम भरतपुर लाया गया। इनमें से 11 प्रभुजी अपने घर जा चुके हैं। फिलहाल यहां 78 प्रभुजी आवासरत है। इनमें से 5 प्रभुजी के परिजनों का पता चल चुका है, जो शीघ्र ही इन्हें लेने आएंगे। इतने ही प्रभुजी के परिजनों ने ले जाने से इनकार कर दिया है। 29 प्रभुजी का पता अधूरा है तो 24 पता बताने में असमर्थ हैं। 5 प्रभुजी के परिवार में कोई है ही नहीं। शेष 10 प्रभुजी की प्रक्रिया अभी चल रही है। 5 प्रभुजी की मृत्यु हो गई तो 9 प्रभुजी को अन्य आश्रमों में भेज दिया है।
इस बार पहले से दुगनी टीमें लगाई
पॉजिटिव कनेक्ट से बातचीत में अपनाघर के संस्थापक डॉ. बी.एम. भारद्वाज बताते हैं कि देश में इस तरह का यह पहला और अनूठा अभियान है। अपनाघर की इस पहल को राजस्थान सरकार ने भी प्राथमिकता से मिला है और सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग अभियान में मददगार बना है। पुलिस व प्रशासन का भी भरपूर सहयोग मिल रहा है। सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव ने अभियान को गंभीरता से लेते हुए सभी जिला कलक्टर एवं विभाग के समस्त अधिकारियों को तथा अभियान में सहयोग करने के लिए पत्र लिखा है। वहीं अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक (सिविल राइट्स एवं एएचटी) ने राज्य के पुलिस उपायुक्त, सभी पुलिस अधीक्षक तथा जीआरपी अजमेर व जोधपुर को पत्र जारी किया है।
डॉ. भारद्वाज बताते हैं कि अभियान के दूसरे चरण में पहले से दो गुणा ज्यादा टीमें लगाई है। पहले 7 टीमें थी, जो इस बार बढ़ाकर 14 की गई हैं। वे बताते हैं कि जरूरत पडऩे पर अधिक प्रभुजनों के रेस्क्यू के लिए 100 एम्बुलेंस लगाई जा सकेंगी और 1500 प्रभुजनों के लिए आवासीय व्यवस्था की जा सकेगी।
विशेष रेस्क्यू अभियान के दूसरे चरण का श्रीगणेश
राजस्थान को बेसहारा मुक्त बनाने के विशेष रेस्क्यू अभियान के दूसरे चरण का श्रीगणेश 13 अक्टूबर को 15 एम्बुलेंसों को हरी झण्डी दिखाकर किया गया। यह अभियान 14 अक्टूबर से 19 अक्टूबर तक चलेगा।
संस्था मां माधुरी बृज वारिस सेवा सदन (अपनाघर आश्रम) भरतपुर के सचिव बसंतलाल गुप्ता पॉजिटिव कनेक्ट को बताते हैं कि अभियान के लिए 14 रेस्क्यू टीमें बनाई हैं। 35 एम्बुलेंस, 120 सेवासाथी, 14 प्रभारी लगाए हैं। अभियान में राजस्थान में संचालित अपनाघर के सभी 22 आश्रमों के पदाधिकारी एवं स्टाफ अपने-अपने क्षेत्रों में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगे। अभियान में 18 वर्ष से अधिक आयु वर्ग की महिला व पुरुष प्रभुजनों को रेस्क्यू किया जाएगा। महिला प्रभुजनों को सम्पूर्ण राजस्थान से भरतपुर, अजमेर, जयपुर एवं कोटा आश्रमों में रखा जाएगा। 22 आश्रमों में 850 बैड आरक्षित किए हैं। इनमें 350 बैड महिला प्रभुजनों के लिए हैं। मेडिकल एवं अन्य आवासीय व्यवस्था के साथ स्टाफ की व्यवस्था भी प्रभुजनों की चिकित्सा एवं सारसंभाल के लिए की गई है। रेस्क्यू टीम सभी 50 जिलों में पहुंचेगी। प्रभुजनों को पुलिस सत्यापन के बाद ही लाया जा सकेगा। अभियान का नियंत्रण कक्ष भरतपुर में स्थापित किया है, जो पूरी निगरानी रखेगा।
आप यहां सूचना देकर बन सकते हैं मददगार
पॉजिटिव कनेक्ट से बातचीत में गुप्ता बताते हैं कि 14 से 19 अक्टूबर तक सार्वजनिक व धार्मिक स्थल, रेलवे स्टेशन एवं बस स्टैण्ड आदि के आस-पास पड़े व घूमते हुए लावारिस, बीमार, लाचार महिला व पुरुष प्रभुजी को रेस्क्यू कर अपना घर आश्रमों में भर्ती किया जाएगा। अभियान के दौरान कोई भी सेवाभावी हेल्प लाइन नम्बर 9950737673 पर असहाय लाचार की सूचना दे सकेंगे।