By – साधना सोलंकी
28 November 2024
बेटी की बीमारी भी पिता की सोच बदल सकती है। ऐसे उदाहरण कम ही सुनने व पढऩे को मिलते हैं। श्रीगंगानगर जिले के अस्थि रोग विशेषज्ञ डॉ. भारत भूषण जांगिड़ (bone specialist Dr. Bharat Bhushan Jangid) इसके जीवंत उदाहरण हैं। बेटी की बीमारी ने उनकी ऐसी सोच बदली कि उन्हें प्रकृति प्रेम हो गया और ऑपरेशन ग्रीन मिशन शुरू कर अपने शहर में लोगों के सहयोग से एक हजार पौधे (Plantation) लगा डाले। डॉ. भूषण कहते हैं, ‘जून की वह रात मैं जीवन में कभी नहीं भूल सकता।’
जून की वह रात और ऑपरेशन ग्रीन मिशन
सूरतगढ़ (श्रीगंगानगर)। कोई शौक या किसी कार्य के प्रति लगाव व्यक्तिगत होता है, पर जीवन में कभी-कभी कुछ ऐसा घट जाता है, जो व्यक्तिगत शौक को सामाजिक सरोकार से जोड़ सबका हो जाता है। सूरतगढ़ के सरकारी अस्पताल में पिछले साढ़े 3 साल से अस्थिरोग विशेषज्ञ डॉ. भारत भूषण जांगिड़ मरीजों का उपचार करने के साथ ही सूरतगढ़ को हरा-भरा बनाने, अस्पताल की दशा सुधारने की दिशा में टीम वर्क और जन सहयोग से उल्लेखनीय सेवा कार्य कर रहे हैं।
डॉ. भारत भूषण (40) पॉजिटिव कनेक्ट को बताते हैं कि 20 जून की वह रात मैं जीवन में कभी भूल नहीं सकता। गर्मी अपने चरम पर 48 डिग्री को छू रही थी। मेरी तीन वर्षीय बेटी वंशिका, जो विवाह के 7 साल बाद मेरे घर आंगन आई थी, को खेलते हुए ताप के कहर ने अपनी गिरफ्त में ले लिया। उस रात गर्मी चढ़ जाने से उसे 20-22 उल्टियां हुई, दवा काम नहीं कर रही थी। सुबह तक वह निढाल हो चुकी थी और एडमिट थी। वह ठीक हुई, पर इस पीड़ा ने मुझे झकझोर दिया।
अब 20 फीट के हो गए पेड़
पर्यावरण के बिगड़े मिजाज और आमजन की तकलीफ पर मैं मंथन करने लगा…हम सक्षम हैं…और कुदरत की मार से बच नहीं पा रहे…। तब हमें ही आगे आना होगा…और पौधरोपण (Plantation) के शौक पर मैं गंभीर हो गया। हालांकि इससे पूर्व 3 साल पहले जब मैं श्रीगंगानगर से तबादला होकर यहां आया। अस्पताल परिसर के आगे का हिस्सा कचराघर बना था। हम डॉक्टर्स के सामूहिक प्रयास से आज वह हरा-भरा है और उसमें लगाए पेड़ 20 फीट के हो गए हैं।
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दो माह में रोपे एक हजार पौधे
एक जुलाई, 2024 से हम अपने ऑपरेशन ग्रीन मिशन को अंजाम देने में जुट गए। फंडिंग, भूमि की सफाई, खाद, पानी, कम से कम कीमत पर ट्री गार्ड और पौधे, समय मैनेजमेंट जैसी कई समस्याएं थी। बाजार में एक ट्री गार्ड की कीमत करीब 2 हजार रुपए है और एक पौधा डेढ़ सौ रुपए से शुरू है। यह मंहगा सौदा था। तब बिरदवाल सरकारी नर्सरी से संपर्क हुआ। यहां पौधे की कीमत मात्र 6 रुपए थी। प्लास्टिक जाली ट्री गार्ड भी सर्च करने पर डेढ़ सौ रुपए के हिसाब से मिल गए।
शहर में यहां-यहां रोपे पौधे
पॉजिटिव कनेक्ट से बातचीत में डॉ. भारत भूषण बताते हैं कि सर्वाधिक 250 पेड़ कल्याण भूमि श्मशान घाट में लगाए। ड्रिप सिस्टम से पानी देने की व्यवस्था भी की। शेष पौधे मानकसर टीबा मंदिर, आरसीपी कॉलोनी, नई धान मंडी, अस्पताल परिसर, पार्क में लगाए। इसके बाद पर्यावरण के प्रति जागरूक हुए प्रकृति प्रेमी लोग ऑपरेशन ग्रीन मिशन से जुडऩे लगे और वे आगे होकर मदद भी करने लगे।
इलाज से खुश मरीजों ने भी किया सहयोग
कई मरीज इलाज से खुश होते और कुछ करना चाहते तो हम उनसे कहते कि आप फलां जगह ड्रिप सिस्टम लगवा दीजिए। युवा, बच्चे सभी को यह काम करके आनंद की अनुभूति होने लगी। 99 प्रतिशत मेहनत अब हरियाली के रूप में सबके सामने है। यह यात्रा जारी है, रहेगी और निश्चित ही कुदरत के मिजाज को सुधारने की दिशा में कारगर साबित होगी। डॉ. भूषण बताते हैं कि पौधरोपण (Plantation) के इस काम पर करीब 50 हजार रुपए खर्च किए। 20 हजार रुपए उन्होंने खुद ने दिए तो शेष राशि जनसहयोग से एकत्र हुई।
लोगों का मिला अपूर्व सहयोग
चर्चा के दौरान डॉ. भारत भूषण ने पॉजिटिव कनेक्ट को बताया कि नेक काम के लिए सब उत्साहित रहते हैं। जैसे कि मानकसर टीबा मंदिर पर रहने वाले बाबा ने स्वयं कहा पौधों की रक्षा व पानी देने की जिम्मेदारी उनकी। ऐसे ही कल्याण भूमि आयोजन समिति, आरसीपी कालोनी रहवासियों ने सार संभाल की जिम्मेदारी ले ली। यह सामूहिक उत्साह ही था कि मात्र दो घंटे में हमने 250 पौधे रोप दिए।
नेक काम में सब आए आगे
पॉजिटिव कनेक्ट से बातचीत में डॉ. भारत भूषण ने बताया कि पौधरोपण के इस नेक काम में बच्चे, युवा और बुजुर्ग सब आगे आए। इनमें प्रमुख रूप से एन. के. बैडमिंटन क्लब प्रभारी नवदीप सिंह एवं अन्य सदस्यों में विकास मदान, दीपक मदान, दिनेश कुमार, राम सिंह, सन्नी सेतिया, काका गांवड़ी, गौरव पिलानिया, सर्वोदय गोदारा, विजय पिलानिया, डॉ. रिद्धिकरण, डॉ. लोकेश अनुपानी, डॉ. नीरज सुखीजा, डॉ. विजय बलाना, डॉ. गौरव बलाना, डॉ. हनुमान प्रसाद, डॉ. इंद्र चुग, डॉ संजय बजाज, अमन, जसप्रीत सिंह, अमन अरोड़ा, दिनेश बेनीवाल, पूनमचंद, आकाश, प्रदीप, पवन, प्रशांत श्योराण आदि शामिल हैं।