By – राजेश खण्डेलवाल
22 October 2024
राजस्थान की भजनलाल सरकार प्रदेश के सौ युवा किसानों को ‘नॉलेज एनहांसमेंट प्रोग्राम’ (Knowledge Enhancement Program) के तहत विदेश यात्रा पर भेजेगी, जहां से युवा किसान खेती और पशुपालन की नई तकनीक और नवाचार सीखकर आएंगे। भरतपुर खण्ड के 7 जिलों से 8 किसानों को इजरायल, नीदरलैंड सहित अन्य यूरोपीय देशों में जाने का मौका मिलेगा।
अन्य किसान भी आधुनिक खेती करने पर करें विचार
भरतपुर (राजस्थान)। सब्जियों मेंं खासतौर पर खीरा, मिर्ची, भिंडी की पैदावार कर रहा हूं। इससे 10-12 अन्य परिवारों को भी रोजगार दे रहा हूं। विदेश जाने का मौका मिला तो मेरा सब्जियां पैदा करने के आधुनिक तरीके सीखने पर फोकस रहेगा। यह कहना है भरतपुर जिले के वैर निवासी युवा किसान भंवरपाल मीणा का।
पॉजिटिव कनेक्ट से बातचीत में भंवरपाल बताते हैं कि वर्ष 2001 से मधुमक्खी पालन का काम भी कर रहा हूं, लेकिन अब 5-6 साल से सब्जियां भी पैदा करने लगा हूं। इससे मुनाफा भी अच्छा हो रहा है। खेती करते हुए मुझे करीब 3 दशक हो गए हैं।
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रामगढ़ (अलवर) के गांव जातपुर निवासी किसान राजेश कुमार पॉजिटिव कनेक्ट को बताते हैं कि वर्ष 2012 से 2 हेक्टेयर में आंवला, नीबू व बेल की पैदावार कर रहा हूं। मैंने हिमशेखर वैरायटी के टमाटर भी किए हैं। पहले भी कम्पनियों की तरफ से विदेश जा चुका हूं। इस बार सरकार की तरफ से विदेश जाने का मौका मिला तो वहां कुछ नया सीखने को मिलेगा। फिलहाल 10-15 किसानों को रोजगार दे रहा हूं। अन्य किसानों को आधुनिक तरीके से खेती करने पर विचार करना चाहिए।
इसी तरह सवाईमाधोपुर जिले के गांव डिडवाड़ी (बौंली) निवासी युवा किसान संतोष कुमार स्वामी (42) बातचीत के दौरान पॉजिटिव कनेक्ट को बताते हैं कि मैं पूरी तरह से आर्गेनिक खेती कर सफेद मूसली, स्ट्रोबेरी, गूगल, काला गेहूं, पपीता, सफेद जामुन, ड्रेगन फू्रट की पैदावार कर रहा हूं। मशरूम करने का प्रयास भी किया, लेकिन उसमें सफलता नहीं मिली। मंूगफली व सब्जी भी पैदा की। बड़ी फर्मों से जुडकऱ मार्केटिंग भी खुद ही करता हूं। विदेश जाने का मौका मिला तो मेरा यह पहला विदेश दौरा होगा, जहां से आर्गेनिक खेती के बार नई जानकारियां मिलेंगी। ये पेशे से एडवोकेट हैं। पॉजिटिव कनेक्ट को वे बताते हैं कि उन्होंने 30 बीघे में फार्म हाउस बना रखा है।
सौ युवा किसानों को विदेश भेजेगी भजन सरकार
राजस्थान की भजनलाल सरकार नॉलेज एनहांसमेंट प्रोग्राम (Knowledge Enhancement Program) के तहत 100 युवा किसानों को इजरायल, नीदरलैंड सहित अन्य यूरोपीय देशों में भेजेगी, जहां से वे खेती और पशुपालन की नई तकनीक और नवाचार सीखकर आएंगे। प्रथम चरण में उद्यान विभाग ने राजस्थान के विभिन्न जिलों से 75 किसानों का चयन भी कर लिया है। शेष 25 किसानों का चयन सरकार के स्तर पर किया जा रहा है। विदेश में जाकर किसान खेती व पशुपालन में अपनाई जा रही उच्च तकनीक की जानकारी लेंगे, साथ ही कम लागत में अधिक अनाज पैदावार की बारीकियां सीखेंगे। इनमें 80 युवा किसान खेती-बाड़ी से जुड़े हैं तो 20 किसान डेयरी व पशुपालन से जुड़े हैं।
50 किसान जाएंगे नीदरलैंड, 50 इजरायल
विदेश जाने वाले किसानों के 4 ग्रुप बनाए जा रहे हैं, इसमें 25-25 किसानों का एक ग्रुप होगा। इसमें 50 किसानों को पहले नीदरलैंड व आसपास के देशों में भेजा जाएगा। इसके बाद 50 किसानों को इजरायल भेजा जाएगा। किसान वहां पर 5 से 7 दिन रुककर खेती व पशुपालन के नवाचार जानेंगे व सीखेंगे।
इस तरह किया चयन
* ऐसे सामान्य किसान, जिनके पास कम से कम एक हेक्टेयर और अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति व महिला किसानों के पास 0.5 हेक्टेयर कृषि भूमि है। साथ ही 10 वर्ष से लगातार खेती कर रहे हैं। इन किसानों की ओर से संरक्षित खेती, सूक्ष्म सिंचाई, मल्चिंग, सौर ऊर्जा पंप, ड्रोन, फर्टिगेशन, ऑटोमेशन, फार्म पोंड, डिग्गी जैसी उच्च कृषि तकनीक अपनाई है।
* डेयरी क्षेत्र में पशुपालक के पास 20 गाय-भैंस की डेयरी या 10 ऊंट या 50 भेड़-बकरी हैं। पिछले 10 वर्षों से डेयरी या पशुपालन पेशे से जुड़े हैं। साथ ही उच्च पशुपालन या डेयरी तकनीक उपयोग करता है।
सरकार को भेज दिए हैं किसानों के नाम
भरतपुर के संयुक्त निदेशक (उद्यान) योगेश कुमार शर्मा पॉजिटिव कनेक्ट को बताते हैं कि भरतपुर खण्ड के भरतपुर, डीग, धौलपुर, करौली, सवाईमाधोपुर, गंगापुरसिटी व अलवर जिले से प्राप्त आवेदनों में से खण्ड स्तरीय समिति की अतिरिक्त निदेशक (कृषि) देशराज सिंह की अध्यक्षता में हुई कमेटी की बैठक में चयनित 12 किसानों के नाम सरकार को भिजवा दिए हैं। भरतपुर जोन से 8 किसानों को विदेश जाने का मौका मिलेगा। पशुपालन क्षेत्र से मिले आवेदनों में एक भी किसान पात्रता पूरी नहीं कर पाया।
किसानों को जल्द भेजेंगे विदेश
उद्यानिकी विभाग के आयुक्त सुरेश ओला पॉजिटिव कनेक्ट को बताते हैं कि ‘नॉलेज एनहांसमेंट प्रोग्राम’ (Knowledge Enhancement Program) के तहत युवा किसानों को इजरायल, डेनमार्क सहित अन्य यूरोपीय देशों में भेजेंगे। इसके लिए जिलों से 75 किसानों का चयन कर लिया गया है। जल्द ही 100 किसानों को विदेश भेजेंगे।