Positive Connect

एक पहल
Latest Story:

Innovation In Government School फौजी ड्रेस में स्कूली छात्राएं!

Blog Image
Innovation in Govt School

By – हितेश भारद्वाज
18 December 2024

राजस्थान के भजेड़ा गांव के सरकारी स्कूल में ऐसा नवाचार (Innovation In Govt School) हुआ है, जो स्कूल की छात्राओं को काफी पसंद आ रहा है। इससे बालिकाओं का आत्मविश्वास तो बढ़ ही रहा है, वे जागरूक होकर कॅरियर के बारे में अच्छे से जान और समझ पा रही हैं।
innovation in government school

गौरवान्वित महसूस कर रही वीर बालाएं

नौगांवा (अलवर)। छात्राओं को स्कूली पौशाक में तो आपने भी खूब देखा होगा, लेकिन क्या आपने फौजी ड्रेस में कहीं स्कूली छात्राओं को देखा है? इस सवाल पर आपका ही नहीं, ज्यादातर लोगों का यही जवाब होगा, नहीं देखा। तो फिर मिलिए ऐसी ही वीर बालाओं से, जो सरकारी स्कूल में हुए नवाचार (Innovation In Government School) से फौजी ड्रेस पहनकर खुद को गौरवान्वित महसूस करती हैं। हालांकि ऐसा वे केवल शनिवार के दिन ही कर पाती है, अन्य दिनों में इन्हें निर्धारित सरकारी पौशाक ही पहननी होती है।

ये वीर बालाएं हैं, अलवर जिले के गांव भजेड़ा स्थित राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालय की। यह गांव जिला मुख्यालय से करीब 22 किलोमीटर दूर है। इस सरकारी स्कूल में यह नवाचार (Innovation In Government School) किया है, वहां के प्रिंसिपल डॉ. कोमल कांत शर्मा ने।

प्रिंसिपल डॉ. कोमल कांत शर्मा पॉजिटिव कनेक्ट को बताते हैं कि बालिकाओं को शिक्षा के प्रति जागरूक करने के लिए सरकारी स्कूल में नवाचार कर (Innovation in Govt School) वीर बाला समूह बनाया है, जिसे तीन भागों में विभाजित किया है। इनमें पहला वीर बाला एडवांस, दूसरा वीर बाला एक्सीलेंट और तीसरा वीर वाला प्लेयर है। इस स्कूल में वर्ष 2021 से प्रधानाचार्य के रूप में कार्यरत डॉ. शर्मा बताते हैं कि वीर बालाओं के 3 समूहों का गठन मात्र 6 माह की अवधि में किया गया।

innovation in government school
Also Read

पढ़ाई के साथ खेलों में अव्वल

पॉजिटिव कनेक्ट से बातचीत में राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालय, भजेड़ा के प्रधानाचार्य डॉ. कोमल कांत शर्मा बताते हैं कि अब स्कूली बच्चे पढ़ाई में अव्वल आने के साथ खेलों में श्रेष्ठ प्रदर्शन कर रहे हैं। दो वर्ष से बोर्ड कक्षाओं का परीक्षा परिणाम शत-प्रतिशत आ रहा है। शतरंज, वॉलीबॉल और बॉक्सिंग की टीम कई बार राज्य स्तर पर खेलकर स्कूल का नाम रोशन कर चुकी है। शतरंज में 3 और वॉलीबॉल में 2 साल से स्कूल जिला स्तर पर प्रथम रहा है। इस बार शूटिंग के खिलाडी भी तैयार किए जा रहे हैं।

innovation in government school

उत्साहित हैं वीर बालाएं

सीनियर सैकण्डरी स्कूल, भजेड़ा में हो रहे नवाचार के कारण वीर बालाएं जागरूक होने के साथ ही उत्साहित भी हैं। इससे बालिकाओं का आत्मविश्वास तो बढ़ ही रहा है, वे जागरूक होकर कॅरियर के बारे में अच्छे से जान और समझ पा रही हैं।

पॉजिटिव कनेक्ट से बातचीत में कक्षा 7वीं में पढ़ रही नीरज बताती है कि वह कक्षा 5 से ही वीर बाला तीनों समूह की सदस्य है। वह ग्रैंड मास्टर के साथ शतरंज में अंतरराष्ट्रीय खिलाड़ी बनना चाहती है। वह बताती है कि स्कूल में ऐसा प्रयास पहले कभी नहीं हुआ। मैं दो बार शतरंज में जिला स्तर पर प्रथम रही हूं और राज्य स्तर पर भी खेल चुकी हूं। कक्षा 7वीं की वीर बाला रिया बताती है कि स्कूल में शतरंज खेलना सबसे पहले मुझे ही सिखाया गया। मैंने ही शतरंज की टीम गठित की और मेरे ही नेतृत्व में टीम ने जिले में प्रथम स्थान प्राप्त कर राज्य स्तर भाग लिया है। मैं अंतरराष्ट्रीय शतरंज खिलाड़ी बनना चाहती हूं। वीर बाला तनिष्का कक्षा 8वीं की छात्रा है और यह वीर वाला एडवांस की ग्रुप कमांडर है। तनिष्का बताती है कि मेरे नेतृत्व में बालाएं कई बार जिला स्तरीय समारोह में परेड प्रदर्शन कर चुकी हैं। मैं पुलिस फोर्स में जाना चाहती हूं। कक्षा 6वीं वीर बाला आर्निका को बताती है कि क्लास मॉनिटर के साथ एडवांस समूह की सदस्य हूं। मैं मिलिट्री ऑफिसर (सैन्य अधिकारी) बनना चाहती हूं। मुझे स्कूल में होने वाली सैन्य गतिविधियों में शामिल होना अच्छा लगता है और यहां सैन्य क्षेत्र में कॅरियर संबंधी बहुत कुछ जानने व समझने को मिल रहा है। कक्षा 5 की छात्रा वंशिका बड़ी होकर प्रिंसिपल बनने की इच्छा रखती है। वह बताती है कि स्कूल में होने वाली विभिन्न गतिविधियों में शामिल होने से सीखने को खूब मिल रहा है।

innovation in government school

वीर बाला समूह बनाने का ध्येय और इनके लाभ

वीर बाला एडवांस

इसमें उच्च मनोबल से युक्त, रक्षा सेवाओं में जाकर खुद का भविष्य संवारने के साथ ही राष्ट्र के लिए जीवन सर्मपण की तमन्ना रखने वाली छात्राओं को शामिल किया जाता है, जो छात्राएं अनुशासन और नेतृत्व के गुण से परिपूर्ण तथा आत्मरक्षा नहीं, बल्कि पूर्ण रक्षा का भाव रखती हैं। इसमें 60 छात्राओं का समूह है, जिसे पढ़ाई के साथ-साथ भारतीय सेना में जाने की तैयारी भी कराई जाती है। इस समूह की छात्राओं को परेड भर्ती की जानकारी सहित शस्त्रों का ज्ञान, कॅरियर गाइंडेस आदि की जानकारी भी उपलब्ध कराई जाती है। इन बालिकाओं की पोशाक भी सेना की पोशाक से से मिलती-जुलती रखी है।

वीर बाला एक्सीलेंट

इसमें शैक्षणिक दृष्टि से उत्कृष्ट बालिकाओं को जोड़ा है। प्रत्येक कक्षा से पढ़ाई में श्रेष्ठ 3 बालिकाओं का चयन किया है। इस तरह स्कूल की 12 कक्षाओं से 36 बालिकाएं शामिल की हैं। इसमें कक्षा स्तर के अनुसार इन बालिकाओं को अंतर कक्षा प्रतियोगिता से तथा शैक्षणिक स्तर पर विशेष ध्यान फोकस करके उत्कृष्ट बनाने का प्रयास किया जाता है। शनिवार को बालसभा में एडवांस वीर बालाओं के साथ इन्हे भी कॅरियर संबंधी जानकारी दी जाती है।

वीर बाला प्लेयर

इसमें खेल में रूचि रखने वाली बालिकाओं को शामिल किया है। उनकी रूचि के अनुसार उन्हें प्रोत्साहित कर अभ्यास के लिए सुविधा उपलब्ध कराई जाती है। इसके गठन से पहले स्कूल में एक भी बालिका खिलाड़ी नहीं थी। आज वॉलीबॉल और शतरंज में 12 वीर बालाएं राज्य स्तर की खिलाडी हैं। मुक्केबाजी और टेनिस की खेल सुविधा भी इनके लिए जुटाई जा रही है। बालिकाओं को विभिन्न खेल विशेषज्ञों से ऑनलाइन या स्मार्ट बोर्ड के जरिए तैयारी कराई जाती है।

Related Story