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Girls Education in Mewat सही मार्गदर्शन से बदला कोमल का जीवन

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Girls Education in Mewat

By – राजेश खण्डेलवाल
14 December 2024

राजस्थान के मेवात में अब बेटियां घर की चौखट से बाहर निकल स्कूल-कॉलेज की दहलीज तक पहुंच रही हैं तो कॅरियर को लेकर मिल रहे सही मार्गदर्शन (Right Guidance) पर अमल भी कर रही हैं। अलवर के नगला जोगी (सालपुर) निवासी कोमल योगी इसका जीवंत उदाहरण है। राजस्थान के मेवात में बालिका शिक्षा (Girls Education in Mewat) को समर्पित एमिड (AMIED) से मिले सही मार्गदर्शन से कोमल का जीवन बदला है और राजस्थान हाउसिंग बोर्ड में जेईएन के रूप में चयनित होकर महिला वर्ग में राजस्थान टॉपर रही है।
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महिला वर्ग की राजस्थान टॉपर

अलवर (राजस्थान)। जीवन में हर इंसान के लिए सही मार्गदर्शन (Right Guidance) चाहिए, लेकिन यह उचित समय पर मिले और पाने वाला उस पर समुचित अमल करें तो व्यक्ति का जीवन बदल सकता है। इसे साबित कर दिखाया है कोमल योगी ने, जिसके नाथ समाज में बेटियों को कम ही पढ़ाया जाता है। कोमल का हाल ही राजस्थान हाउसिंग बोर्ड में कनिष्ठ अभियंता (जेईएन) के रूप में चयन हुआ है। महिला वर्ग में कोमल राजस्थान में टॉपर रही है। उसने आठवीं तक शिक्षा गांव के ही सरकारी स्कूल में हासिल की। दसवीं की पढ़ाई सालपुर स्कूल से की।

करीब 40-50 घरों की बस्ती वाला नगला जोगी (सालपुर) अलवर जिले के उमरैण ब्लॉक में आता है। वर्ष 2018 में अच्छे अंकों से दसवीं करने के बाद उसे 12 किलोमीटर दूर अलवर या फिर इतनी ही दूर मालाखेड़ा जाना पड़ता, लेकिन इसी दौरान उसकी मुलाकात उमरैण ब्लॉक में बालिका शिक्षा को बढ़ावा देने का काम कर रही अलवर मेवात शिक्षा एवं विकास संस्थान (AMIED) की टीम से हुआ, जिससे कोमल के जीवन की दिशा ही बदल गई।

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पापा पढ़ाते पर पॉलिटैक्निक नहीं कराते

अलवर में एक प्राइवेट कम्पनी में सुपरवाइजर सुरेन्द्र कुमार की बेटी कोमल योगी पॉजिटिव कनेक्ट से बातचीत में बताती है, मेरे पापा आगे की पढ़ाई तो कराते, लेकिन पॉलिटैक्निक नहीं कराते। वह बताती है कि एमिड के सदस्य सचिव नूर मोहम्मद ने मुझे पॉलिटेक्निक करने के बारे में सलाह दी और उससे होने के लाभ भी बताए। उन्होंने मेरे पापा को समझाया तो उन्होंने मुझे पॉलिटैक्निक करने की सहमति दी।

…मैं भी बीए, एमए कर रही होती

चर्चा के दौरान पॉजिटिव कनेक्ट को कोमल बताती है कि एमिड ने मुझे हर साल 25 हजार रुपए की स्कोलरशिप दी। वह बताती है कि इस आर्थिक मदद से ज्यादा मेरे लिए एमिड से मिली गाइडेंस महत्वपूर्ण साबित हुई। अगर उचित समय पर मुझे पॉलिटैक्निक करने का मार्गदर्शन नहीं मिला होता तो मैं भी अन्य बालिकाओं की तरह ही 10वीं के बाद 12वीं और फिर बीए, एमए कर रही होती।

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इलाके में समाज से पहली जेईएन

राजस्थान हाउसिंग बोर्ड में जेईएन के रूप में चयनित कोमल योगी पॉजिटिव कनेक्ट को बताती है कि इलाके में उनके समाज (नाथ समाज) से कोई लडक़ी या लडक़ा सरकारी नौकरी में नहीं है। मैं पहली ऐसी लडक़ी हूं, जिसका जेईएन में चयन हुआ है। वह बताती है कि दसवीं के बाद पॉलिटैक्निक में अलवर के सरकारी कॉलेज में प्रवेश लिया और 2021 में सिविल में डिप्लोमा पूरा किया। मैं फिलहाल बीटेक फाइनल कर रही हूं। वह बताती है कि राजस्थान में महिला वर्ग की टॉपर होने के कारण हाल ही जयपुर में हुए कार्यक्रम में उसे दो साल की ट्रेनिंग करने का ज्वाइनिंग लेटर मिला है। भाई सचिन बीएसटीसी (स्पेशल) कर रहा है।

बेटी बढ़ाती है दोनों परिवारों का मान

बेटियों को पढ़ाने की वकालत करते हुए कोमल पॉजिटिव कनेक्ट को बताती है कि आम तौर पर हमारे समाज (नाथ समाज) में बेटियों की जल्द शादी कर दी जाती है। अगर कोई परिवार बेटियों को पढ़ाना चाहे तो गांवों में 8वीं या फिर 10वीं तक स्कूल होता है। बहुत कम गांव ऐसे हैं, जहां 12वीं तक स्कूल है। ऐसे में परिवार वाले बेटी को आगे की पढ़ाई के लिए घर से बाहर भेजने में डरते हैं और फिर पढ़ाई छुड़ाने के बाद बेटियों की शादी कर दी जाती है। उसका मानना है कि अगर बेटी पढ़ती है तो वह पहले पीहर और फिर शादी बाद ससुराल यानि दोनों परिवारों का मान बढ़ाती है।

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…इसलिए मां ने नहीं कराया ऑपरेशन

कोमल बताती है कि उसकी मां कृष्णा ग्रहणी हैं, लेकिन पढ़ाई की कीमत समझती हैं। उनके शरीर में गांठ है, जिसका ऑपरेशन होना है, लेकिन मेरी परीक्षा होने के कारण मां ने 6 माह तक अपना ऑपरेशन नहीं कराया। फिलहाल उनकी दवाएं चल रही हैं, जिनसे लाभ मिल रहा है। वह बताती है कि अब अगर ज्यादा जरूरी हुआ तो मां का ऑपरेशन अवश्य कराया जाएगा।

ग्रामीण उत्साहित, किया सम्मान

कोमल का जेईएन में चयन होने से उसके घर वाले तो खुश हैं ही, उसके गांव वाले भी उत्साहित हैं। ग्रामीणों ने सामूहिक रूप से कोमल का विजय जुलूस निकाला और साफा बांधकर कोमल का सम्मान किया। गांव वालों का कहना है कि हमारी बेटी ने हमारा मान बढ़ाकर नाम रोशन किया है तो उसका सम्मान करना भी हमारा फर्ज है।

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एमिड की लीडर गर्ल भी रही है कोमल

एमिड के सदस्य सचिव नूर मोहम्मद पॉजिटिव कनेक्ट को बताते हैं कि पढऩे में होशियार रही कोमल एमिड की लीडर गर्ल भी रही है। संस्थान की तरफ से उचित गाइडेंस देने के साथ ही उसे स्कोलरशिप दी गई। कोमल ने संस्था का भी मान बढ़ाया है। सबनम के बाद वह कोमल दूसरी ऐसी बेटी है, जो एमिड की स्कोलरशिप लेकर पढ़ी और जेईएन बनी है।

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