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नौकरी छोड़ सुनारी के Manish Kumar ने बनाई हेलीकॉप्टर कम्पनी

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Positive Connect Author

By – राजेश खण्डेलवाल
17 November 2024

सरकारी नौकरी छोड़ते समय राजस्थान के सुनारी गांव के मनीष कुमार (Manish Kumar) ने भी लोगों के खूब ताने सुनें, लेकिन मनीष ने हेलीकॉप्टर कम्पनी बनाकर खुद को सही साबित कर दिखाया। मनीष कुमार लोगों को हवाई यात्रा कराने के साथ ही 80 लोगों को रोजगार दे रहे हैं। इस तरह मनीष ने लोगों की सोच बदली और उन्हें प्रेरणा भी दी।
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जल्द पहली बार हेलीकॉप्टर से अपने गांव आएंगे

अलवर (राजस्थान)। सरकारी नौकरी पाने का सपना हर युवा का होता है। युवा मनीष कुमार (Manish Kumar) ने भी यह सपना देखा। इंजीनियरिंग के बाद कई सरकारी नौकरी पाई, लेकिन फिर खुद का ही कुछ बड़ा करने के बारे में सोचा। नौकरी छोड़ खुद का काम करने के बारे में सोचना ही मुश्किल होता है। ऐसे में परिवार वाले खफा हो जाते हैं तो रिश्तेदारों के ताने भी सुनने सुनने पड़ते हैं। ऐसा ही कुछ राजस्थान के सुनारी गांव के मनीष कुमार (Manish Kumar) के साथ भी हुआ, लेकिन उसने हेलीकॉप्टर कम्पनी बनाकर साबित कर दिया कि इंसान को खुद को भरोसा हो, कड़ी मेहनत व लगन से काम करें तो वह ऐसा भी कुछ कर सकता है, जिसके बारे में कोई सोच तक नहीं सकता। मनीष अब जल्द पहली बार खुद के हेलीकॉप्टर से अपने गांव सुनारी आएंगे और गांव के बड़े- बुजुर्गों को भी हेलीकॉप्टर की यात्रा कराएंगे।

अलवर जिले की लक्ष्मणगढ़ तहसील के सुनारी गांव निवासी 30 वर्षीय मनीष कुमार (Manish Kumar) का बचपन आर्थिक तंगी में गुजरा, लेकिन दृढ़ इच्छा शक्ति से आज वह अपने परिवार और गांव का नाम रोशन कर रहे हैं। सरकारी शिक्षक रहे रामचरण मीणा के बड़े बेटे मनीष कुमार ने अपने जीवन में कई संघर्षों का सामना किया, लेकिन दृढ़ संकल्प और अथक प्रयासों से मनीष ने नई ऊंचाइयों को छुआ। इसमें उनके दोस्तों एवं कॉलेज के साथियों का बड़ा योगदान रहा। साढ़े 4 साल की बेटी आर. दर्शिका के पिता मनीष कुमार की शादी वर्ष 2018 में पीपलहेड़ा (रैणी) निवासी ममता के साथ हुई।

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मनीष ऐसे चढ़े सफलता की सीढिय़ां

मनीष कुमार ने एमबीएम इंजीनियरिंग कॉलेज, जोधपुर से सिविल इंजीनियरिंग में स्नातक किया। फिर कुछ समय विभिन्न सरकारी विभागों में चयनित होकर नौकरी भी की। इसके बाद, उन्होंने खुद का व्यवसाय शुरू करने का निर्णय लिया और विज्ञापन क्षेत्र में कदम रखा। यहां उन्होंने भारतीय रेलवे, एनएचएआई और अन्य प्रतिष्ठानों के साथ कार्य किया। सफलता की इस सीढ़ी पर चढ़ते हुए मनीष ने एयरलाइन सेवाओं में अपनी विशेषज्ञता को विस्तार दिया और अब वे राजनीतिक एवं गैर-राजनीतिक आयोजनों के साथ-साथ सरकारी कार्यों के लिए हेलीकॉप्टर और प्राइवेट जेट उपलब्ध करवा रहे हैं।

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ऐसे आया हेलीकॉप्टर कम्पनी बचाने का विचार

छपाका सॉल्यूशंस एंड बुक योर हेलीकॉप्टर डॉट कॉम ( Chapaka Solutions and Book Your Helicopter.com) के सीईओ (CEO)व एमडी (MD) मनीष कुमार पॉजिटिव कनेक्ट को बताते हैं कि वर्ष 2013 में एयर कम्पनियों से जुडकऱ विधानसभा चुनाव में हेलीकॉप्टर सेवा का मोर्चा संभाला। तब राजस्थान में हेलीकॉप्टर की सेवा उपलब्ध नहीं थी। इस कारण हेलीकॉप्टर दिल्ली से मंगाना पड़ता था, जिसमें 10 लाख रुपए का खर्चा आता था। उस समय यह विचार आया कि क्यों ना राजस्थान के जयपुर में ही हेलीकॉप्टर की सेवा उपलब्ध कराई जाए। इससे दिल्ली से हेलीकॉप्टर के आने-जाने का समय बचेगा और लोगों को सस्ता भी पड़ेगा।

2 हेलीकॉप्टर व एक जेट है मनीष के पास

मनीष कुमार के पास फिलहाल दो हैलीकॉप्टर और एक प्राइवेट जेट के साथ यात्रियों को हवाई यात्रा की सुविधा उपलब्ध करा रहे है। जेट एयरपोर्ट से एयरपोर्ट तक ही ले जाया जा सकता है। मनीष फिलहाल 80 लोगों को रोजगार दे रहे हैं।

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हर साल हेलीकॉप्टर की 70-80 बुकिंग

पॉजिटिव कनेक्ट से बातचीत में एयर टूरिज्म एक्सपर्ट (Air tourism expert ) मनीष कुमार बताते हैं कि वे शादी, पुष्प वर्षा, प्री-वैडिंग, गानों की शूटिंग, एयर एम्बुलेंस, अभिनेता व राजनेताओं को हेलीकॉप्टर उपलब्ध कराते हैं। इसके लिए आयोजक को कम से कम 10-15 दिन पहले बुकिंग करानी होती है। इसके बाद वे लीगल प्रक्रिया पूरी कर तय समय पर हेलीकॉप्टर की सुविधा देते हैं। वे बताते हैं कि न्यूनतम 2 घंटे की उड़ान का साढ़े 3 लाख से 5 लाख रुपए आयोजक से लिए जाते हैं। एक साल में वे हेलीकॉप्टर की 70 से 80 बुकिंग कर लेते हैं। वे देश-विदेश में कहीं के लिए भी सेवाएं उपलब्ध करा देते हैं।

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नई सोच के साथ अपने सपनों को आकार दें युवा

पॉजिटिव कनेक्ट से चर्चा के दौरान मनीष कुमार ने माना कि गांव वालों का आशीर्वाद हमेशा उनके साथ रहा है। इस मुकाम पर पहुंचने में परिवार और गांव वालों का बड़ा योगदान है और उनके आशीर्वाद से ही वह अपने कार्यक्षेत्र में सफलता हासिल कर पाए हैं। मनीष कुमार चाहते हैं कि युवा अपने सपनों को नई सोच के साथ आकार दें। (क्रमश:)

अगली स्टोरी में पढ़ें….खुद के हेलीकॉप्टर से मनीष ने कराई दादी को Helicopter Ride

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